अधिक गुणवत्ता के बीजों के प्रयोग की आवश्यकता

सीमित भूमि क्षेत्र में अधिक उत्पादन के लिये उत्तम स्तर के बीजों का प्रयोग अतिआवश्यक हैं। जननिक विज्ञान के माध्यम से बीजों की गुणवत्ता में विकास अब एक आम बात हो गई है। जैविक तकनीक के ज्ञान के उपयोग से, अब बेहतर स्तर के बीजों का उत्पादन हो रहा है।

बीजों की गुणवत्ता का विकास निम्नलिखित निर्माण के लिये हो रहा है:

- उच्च उत्पादकता वाली किस्मों का निर्माण।
- बेहतर स्तर के पोषक तत्वों से युक्त बीजों के निर्माण में जिनमें दालों में प्रोटीन की गुणवत्ता, गेहूँ के बेहतर पकने की गुणवत्ता, फलों और सब्जियों की संरक्षण की गुणवत्ता तथा तेल का निर्माण करने वाले पौधों की अधिक गुणवत्ता व मात्रा सम्मिलित हैं।
- कुछ ऐसी किस्मों का निर्माण जो कि बीमारियों व पीड़कों, दोनों का मुकाबला कर सके।
- ऐसी किस्मों का निर्माण जो कि गर्मी, सर्दी, खारेपन, बर्फ, सूखे इत्यादि से जूझने में सक्षम हों।

रोग प्रतिरोधक एवं पीड़क प्रतिरोधक क्षमता वाले जीवों को अधिक कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं होती- इससे न केवल पर्यावरण के प्रदूषण से बचाव होता है, कीटनाशकों की खरीददारी में जो पैसा खर्च होता है, उसे भी रोका जा सकता है।

पौधों को विभिन्न प्रकार की कठिनाई-युक्त स्थितियों में भी उगाया जा सकता है। इससे जोताई (बुवाई) के क्षेत्र का फैलाव होता है। उदाहरणतः सूखे, खारे या जलीय क्षेत्रों की जोताई के लिये इन किस्मों का प्रयोग किया जा सकता है।